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यह करें और फिर देखें अपने संबंधों में जादू -     आप एक प्रयोग करके देखें किसी दो साल के बच्चे को कोई काम ठीक से ना करने पर उसे जोर से डांटे और फिर से उस काम को ठीक से करने को कहें, आपकी डांट से बच्चा संकुचित हो जायेगा और फिर से डांट न पङ जाये इस भय से उस काम को डरता हुआ सा करेगा और ऐसा करने पर संभावना होगी कि उसमें उससे फिर से गलती हो जाये ।     अब इसी बच्चे को कोई काम करने पर आप शाबाशी दे ं और उसके सर पर प्यार से हाथ फेरें। अब आपको बच्चे की बिल्कुल ही अलग प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी ।     बच्चा स्वंय ही उस काम को दुबारा करने के लिये आतुर रहेगा आपकी प्रशंसा और प्यार को पाने के लिये आपके ना कहने पर भी उसी काम को दुबारा आपके लिये करेगा वो भी प्रफुल्लित मन से, आप पाओगे कि  बच्चे ने वह काम और भी बेहतर तरीके से किया है ।                इससे क्या सिद्व होता है? इससे सिद्व होता है कि प्रशंसा पाने की ललक मनुष्य की नैसर्गिक आवश्यकता है । बङे होने पर भी हमें इसकी बेहद अावश्यकता होती है । आप इस नैसर्गिक गुण का लाभ अपने वैवाहिक जीवन में मिश्री घोलने में कर सकते हैं । आज से ही दिन में
अपने प्रियतम को समय दें  :-                       इस दुनिया में प्रत्येक चीज समय मांगती है । समय देकर हम कुछ भी पा सकते हैं । कुछ भी करना है तो समय का इन्वेस्टमेंट जरूर करना पङता है । अपनी जिंदगी में हम जिस भी चीज पर समय लगाते हैं उसमें हम अनुभवी हो जाते हैं और सफल हो जाते हैं । पढना है तो पुस्तकों को समय चाहिये, पैसा कमाना है तो नौकरी अथवा व्यवसाय को समय चाहिये, शारीरिक सौष्ठव हासिल करना है तो व्यायाम  को समय चाहिये, अध्यात्मिक प्रगति करनी है तो ध्यान को समय चाहिये अगर साइकिल भी सीखनी है तो साइकिल को समय चाहिये और तो और पास खेलते बच्चे को भी आपका ध्यान, आपका समय चाहिये अगर बहुत देर तक किसी ने उसकी तरफ देखा तक नहीं कि वह क्या खेल रहा है तो वह भी जोर जोर से रोने लगता है।  जब एक बच्चे को भी आपका समय चाहिये आपका ध्यान (अटेंशन) चाहिये तो इसी आपकी तो शादी हुई है सुखी जीवन के बहुत से सपने सजाये एक शहजादी ने आपके जीवन में प्रवेश किया है, बहुत से खुशियों की आशा लिये, उर्जा से भरपूर, जिंदगी में बहुत कुछ करने की तमन्ना लिये एक  शहजादे ने आपकी जिंदगी में प्रवेश किया ह
वैवाहिक जीवन में अपने गुस्से को कैसे काबू करें :-                                                                             How to control Anger in Marriage Life क्रोध उस दावानल की भांति हैं जो मनुष्य के विवेक व बुद्वि को जलाकर भस्म कर देता है । बहुत से रिश्ते क्षणिक क्रोध से टूट जाते हैं । इतिहास में बहुत से बङे बङे युद्व सिर्फ क्रोध के कारण हुये हैं । क्रोध व्यक्ति के अहम् का सबसे बङा पोषक है।जिसमें जितना ज्यादा अहंकार होगा उसे उतना ही अधिक क्रोध आयेगा ।  आप अपनी शादी के बाद आपस में एक समझौता करें कि जब एक गरम होगा तो दूसरा नरम होगा और जब दूसरा गरम होगा तो पहला नरम होगा ।यानि कि एक को गुस्सा आये तो दूसरे को चुप रहना है और दूसरे को गुस्सा आये दो पहले को चुप रहना है ।  चुप रहना सीखें ।    बस सिर्फ इस एक समझौते से आपकी पूरी जिंदगी सुखपूर्वक व्यतीत हो सकती है ।  लेकिन अब आप मुझसे पूछना चाह रहें होंगे  कि दूसरा गरम तो फिर नरम होना ही तो सबसे मुश्किल काम है यही तो नहीं हो पाता तो इसके लिये मैं आपका बताना चाहूंगा कि - i) जब आप दोनों में से कोई एक गुस्से में हो जाये त