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अपने प्रियतम को समय दें :-


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                      इस दुनिया में प्रत्येक चीज समय मांगती है । समय देकर हम कुछ भी पा सकते हैं । कुछ भी करना है तो समय का इन्वेस्टमेंट जरूर करना पङता है । अपनी जिंदगी में हम जिस भी चीज पर समय लगाते हैं उसमें हम अनुभवी हो जाते हैं और सफल हो जाते हैं । पढना है तो पुस्तकों को समय चाहिये, पैसा कमाना है तो नौकरी अथवा व्यवसाय को समय चाहिये, शारीरिक सौष्ठव हासिल करना है तो व्यायाम  को समय चाहिये, अध्यात्मिक प्रगति करनी है तो ध्यान को समय चाहिये अगर साइकिल भी सीखनी है तो साइकिल को समय चाहिये और तो और पास खेलते बच्चे को भी आपका ध्यान, आपका समय चाहिये अगर बहुत देर तक किसी ने उसकी तरफ देखा तक नहीं कि वह क्या खेल रहा है तो वह भी जोर जोर से रोने लगता है। जब एक बच्चे को भी आपका समय चाहिये आपका ध्यान (अटेंशन) चाहिये तो इसी आपकी तो शादी हुई है सुखी जीवन के बहुत से सपने सजाये एक शहजादी ने आपके जीवन में प्रवेश किया है, बहुत से खुशियों की आशा लिये, उर्जा से भरपूर, जिंदगी में बहुत कुछ करने की तमन्ना लिये एक  शहजादे ने आपकी जिंदगी में प्रवेश किया है तो ऐसे में अगर आप दोनों को एक अटूट रिश्ता स्थापित करना है तो समय चाहिये ।  
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आप दोनों एक ऐसा रिश्ता कायम करने जा रहें जो जिंदगी भर कायम रहेगा और जिसका प्रभाव न केवल आप पर बल्कि आपकी आगे आने वाली संतानों पर  भी पङेगा तो ऐसे में समय कौन देगाबेशक आप दोनों को ही देना होगा।इसलिये पति को चाहिये कि वह अगर घर पर ही रहते हों तो पहले की तरह इधर उधर घूमना, दोस्तों का साथ पार्टिया उङाना आदि को कम करके घर पर रहना शुरू करे चाहें वह अपनी पत्नी को व्यक्तिगत समय दिन में न भी दे पायें लेकिन फिर भी केवल घर पर रहकर उसको दिखते रहना भी पत्नी को प्रसन्नता देता है । कुछ सोचते हैं कि घर पर माता पिता तो हैं ना फिर मेरी क्या आवश्यकता है। उनको मैं एक बात बता देना चाहता हूँ कि आप सात फेरे लेकर किसी के जीवन की अनमोल धरोहर को अपने घर लाये हो जिसके साथ मरने जीने की शपथें आपने पवित्र अग्नि देव की वेदी पर साथ खायीं है वह कोई नौकरानी नहीं है जो सिर्फ आपके माता पिता की सेवा के लिये घर पर पङी रहेंगी और आप अपनी जिंदगी को उससे अलग कर लोगे। पत्नी का मतलब पति के जीवन के प्रत्येक शारीरिक, मानसिक, भौतिक, अध्यात्मिक पहलू में बराबर की भागीदार होना है। आपकी पत्नी आपके लिये अपना पूरा संसार छोङकर आई है न कि आपके माता पिता के लिये क्योंकि माता पिता और उसके स्वयं के माता पिता भी एक समय के बाद संसार से विदा हो जायेंगे एक आप ही तो हैं जिसके साथ उसकी जीवन नैया पार लग सकेगी। यह कङवी सच्चाई है ।इसलिये अपनी पत्नी को समय दें।अगर आप  घर में उसे सिर्फ दिखाई भी देते रहते हैं तो उसे अच्छा लगता है और फिर जब वह अपनी सास से अथवा ननद से यह सुनती है कि पहले तो घर ठहरता ही नहीं था दोस्तों के साथ घूमता रहता था चलो ये तो अच्छा है कि अब घर तो रहता है कम से कम। इस बात को सुनकर आपकी पत्नी आपकी तरफ से केयरिंग फील करती है जो कि किसी भी रिश्ते की नींव होती है । अगर आप जाब करते हैं तो घर से बाहर रहना आपकी मजबूरी है उसे आपकी पत्नी भी समझती है। घर पर आने के बाद सोशल मीडिया को एक तरफ कर अपनी पत्नी को समय दें। पत्नी भी ऐसा ही करें। शुरू में एक दूसरे के साथ जितना समय बितायेंगे ये आपके रिश्ते की जङों में उतना ही खाद पानी के समान होगा ।पौधा जब वृक्ष बन जाता है तो उसे इतने खाद पानी की जरूरत नहीं होती जितनी कि वह पौधा रहता है उस समय होती है।रिश्तो में समय एक इन्वेस्टमेंट की तरह है जितना इन्वेस्ट करेंगे उतना ही लाभ आपको मिलेगा। समय देने से रिश्ता मजबूत बनता है । एक अच्छे रिश्ते की नींव के लिये एक अच्छा समय साथ बिताना अत्यावश्यक है ।

लेखक - विजय कुमार यादव

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