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शादी के बाद यह करें कि जीवन बन जाये खुशियों की सौगात


                       शादी के बाद यह करें कि जीवन बन जायें खुशियों की सौगात 

यह लेख इस संबंध में है कि शादी के बाद ऐसा क्या करें कि आपकी जिंदगी खुशियों से संवर जाये ।ऐसा क्या करें कि शादी आपको सौगात की भांति लगे । शादी के बाद सुखी दांपत्य जीवन व्यतीत कैसे करें ? यह ब्लाग इसी बात का हल है । अगर शादी के बाद आपको जीवन नीरस हो गया है, पति पत्नी के बीच ट्यूनिंग नहीं है अथवा आपकी शादी होने वाली है और आप अपने वैवाहिक जीवन के के संबंध में चिंतित है तो इस लेख में बताई गई बातों को अपनाकर आप गारंटी के साथ शत प्रतिशत अपना वैवाहिक जीवन सुखी बना सकते हैं । इस ब्लाग में उन व्यवाहरिक बातों को बतलाया गया है जो पति पत्नी के बीच एक मजबूत रिश्ता कायम करने के लिये बहुत जरूरी हैं । बताई गई सभी बातें व्यवहारिक हैं व लेखक के द्वारा स्वंय अपने जीवन में अपनाई गई हैं कोई भी बात सिर्फ सैद्वांतिक नहीं हैं । (अगर आप इस लेख को पढ रहें या रहीं हो तो य़ह इस बात को दर्शाता है कि आप अपनी जिंदगी में कुछ सकारात्मक बदलाव चाहते हो/चाहती हो और य़ह एक बहुत अच्छी बात है जो आपमें है।)
जिनकी शादी होने वाली है अथवा अभी हुई हैं वे निम्नलिखित पांच बातें अपनाकर दोनों के बीच ऐसे स्थायी प्रेम संबंध स्थापित कर सकते हैं जो जीवन की प्रत्येक स्थति में अटूट रहेंगे । निम्नलिखित अनमोल सूत्र पुरूष व स्त्री दोनों के लिये है :-
१. शारीरिक स्वच्छता बहुत जरूरी:-
                                    शादी के बाद पहले तीन महीने बुहत महत्वपूर्ण होते हैं । शुरू के तीन महीने पति पत्नी दोनों ही उच्च स्तर की साफ सफाई बरतें । यह सफाई आपके पर्सनल केयर से संबंधित है । एक High hygiene level को कायम करें । आप पहले से ही चाहे बहुत साफ सुथरे रहते/रहती हों लेकिन इस दौरान उससे अतिरिक्त साफ सफाई बरतें ।
नाखुन समय पर काटें ।
शाम को हमेशा नहाने का बाद ही शयन कक्ष में जायें क्योंकि दिनभर की भागदौङ से जो थकान है नहाने से वह भी दूर हो जाती है और पसीना इत्यादि भी दूर होकर शरीर साफ सुथरा हो जाता है ।
नहाने के बाद अगर हो तो हल्की खुशबू देने वाले डियो, परफ्यूम आदि का प्रयोग कर सकते हैं । सुगंध में वातावरण को मनमोहक तथा मन को आकर्षित करने की शक्ति होती है ।
अगर आप सेविंग करते हैं तो रोज शेविंग करें जिससे आपका चेहरा साफ सुथरा व चमकदार दिखे । अगर आप दाढी रखते हैं तो ये तरीके के साथ बनी हो ।  
Armpits (काँख) हमेशा क्लीन रखें । अन्यथा यहां पर पसीने की दुर्गंध बहुत जल्दी पैदा हो जाती है जो आपके साथी के मन में आपकी निगेटिव छवि बना सकती है और कोई भी दुर्गंध काम क्रीङा में भी हमेशा बाधक होती है ।
अपने शरीर के उस हिस्से के हेयर क्लीन रखें । ये आपकी हमेशा स्वच्छ रहने की आदत को दर्शाता है ।
दिन में अच्छे कपङें पहनें । आफिस जाना हो तो अच्छे मैचिंग कपङे पहनें । अपनी नई नवेली पत्नी या पति को आप हमेशा अच्छे दिखने की कोशिश करें यह न सोचें कि पत्नी/पति को तो अब रहना ही है जिंदगी भर साथ में तो क्या फर्क पङता है कि मैं कैसे कपङे पहनता/पहनती हूँ और कैसा/कैसी दिखता/दिखती हूँ । क्योंकि सिर्फ साथ रहने और साथ जीने में जमीन आसमान का अंतर होता है । शारीरिक रूप से ही अगर आपकी पत्नी को आपसे घृणा  पैदा हो गई हो तो वह साथ तो रहेगी लेकिन ये उसकी मजबूरी होगी और आप दोनों ही जीवन का आनंद नहीं उठा पायेंगे ।
शारीरिक स्वच्छता के इस टापिक पर अगर मैं प्रत्येक चीज बताने लगूं तो लेख काफी लंबा हो सकता है इसलिये मुख्य रूप से मैं यह बताना चाहता हूँ कि शादी के बाद लगातार कम से कम तीन महीने अतिरिक्त स्वच्छता का ध्यान रखा जाये तो पति पत्नि शारीरिक रूप से एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं । प्यार की पहली शुरूआत ही शारीरिक सुंदरता से होती है बाद में वह गहरा होकर मन व आत्मा की गहराईयों में उतर सकता है लेकिन शुरूआत तो शारीरिक सुंदरता, शारीरिक आकर्षण से ही होती है इसलिये अगर शादी के पश्चात् पति व पत्नी शारीरिक रूप से एक दूसरे की पसंद बन जायें तो मन का प्यार स्थापित होने में कोई बाधा नहीं रह जाती । आप ही बतायें अगर कोई  स्वच्छ ही ना रहता हो या रहती हो और उसमें से अप्रिय गंध आती हो , तो क्या आप उससे प्यार कर सकते हैं नहीं ना इसलिेये ही गहरे से गहरे प्यार का भी प्रथम सोपान शरीर ही होता है । अतकम से कम शुरूआती तीन महीने शारीरिक स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान ऱखा जाना चाहिये बाद में तो दोनों एक दूसरे से फैमिलीयर हो जाते हैं और प्रत्येक चीज का बहुत ध्यान से निरीक्षण करने में भी स्वत: कमी आ जाती है । ये तीन महीने लगातार साथ रहने वाले दिन गिनें जायें । शारीरिक स्वच्छता का तो जीवन में सदा ही महत्व है अत: सदैव ही रखनी चाहिये परंतु शादी के तुरंत बाद इस संबंध में और अधिक संवेदनशील हो जाना बहुत आवश्यक है ।

२. एक मुस्कान :-

आपको नहीं मालूम की एक उस एक मुस्कान की कीमत क्या होती है । जब कोई पुरूष दिनभर की आफिस की थकान लेकर घर आता है और उसकी पत्नी दरवाजा खोलते वक्त होठों पर एक प्रेमभरी मुस्कान लिये अपने पति की तरफ देखती है तो उस पुरूष की दिनभर की थकान उस एक मुस्कान से उङनछू हो जाती है , यह शत प्रतिशत सच्चाई है । मुस्कान एक जादू की तरह काम करती है । जो काम हजारों शब्द नहीं कर सकते वह काम एक मुस्कान कर देती है । पूरी पृथ्वी पर केवल मनुष्य ही ऐसा जीव है जो मुस्कुरा सकता है, हंस सकता है । मुस्कान मनुष्य को ईश्वर से प्राप्त एक नायाब तोहफा है । इसका प्रयोग आप अपने वैवाहिक जीवन में मिश्री घोलने में कर सकते हैं । जब हम मुस्कुराकर किसी के लिये दरवाजा खोलते हैं तो उससे सामने वाले को संदेश जाता है कि आप उसे देखकर बहुत खुश हैं और उसका स्वागत करते हैं । अब कई बार क्या होता है कि पति अथवा पत्नी सोचते हैं कि हम तो एक दूसरे के अपने ही तो हैं और सदा साथ ही रहना है तो ये औपचारिकतायें क्यों ? लेकिन मैं आपको बताना चाहूंगा कि अगर हम साथ रहकर भी कुछ जगहों पर कुछ ऐसी औपचारिकताओं का प्रयोग करें तो हमारे संबंधों में जादू हो सकता है । देखकर मुस्कुराना सदैव ही मनुष्य को खुशी देता है चाहे फिर वह बिल्कुल अपना हो या बिल्कुल अजनबी । पति अथवा पत्नी चाहें वे दोनो वर्किंग हो अथवा घर पर रहते हों एक दूसरे को देखकर कम से कम दिन में दो बार तो  जरूर  मुस्करायें , एक बार सुबह उठते समय और एक बार शाम को सोते समय, आप देखोगे कि आपके संबंधों में जादू होना शुरू हो गया है । शुरू में मुस्कुराना अटपटा लग सकता है, लगने दो लेकिन मुस्कुरायें क्योंकि एक तो यह कि इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं और दूसरा जब हम रोज मुस्कुरायेंगे तो मुस्कुराना एक आदत बन जायेगी । 

३. समय कौन देगा :-

इस दुनिया में प्रत्येक चीज समय मांगती है । समय देकर हम कुछ भी पा सकते हैं । कुछ भी करना है तो समय का इन्वेस्टमेंट जरूर करना पङता है । अपनी जिंदगी में हम जिस भी चीज पर समय लगाते हैं उसमें हम अनुभवी हो जाते हैं और सफल हो जाते हैं । पढना है तो पुस्तकों को समय चाहिये, पैसा कमाना है तो नौकरी अथवा व्यवसाय को समय चाहिये, शारीरिक सौष्ठव हासिल करना है तो व्यायाम  को समय चाहिये, अध्यात्मिक प्रगति करनी है तो ध्यान को समय चाहिये अगर साइकिल भी सीखनी है तो साइकिल को समय चाहिये और तो और पास खेलते बच्चे को भी आपका ध्यान, आपका समय चाहिये अगर बहुत देर तक किसी ने उसकी तरफ देखा तक नहीं कि वह क्या खेल रहा है तो वह भी जोर जोर से रोने लगता है । जब एक बच्चे को भी आपका समय चाहिये आपका ध्यान (अटेंशन) चाहिये तो इसी आपकी तो शादी हुई है सुखी जीवन के बहुत से सपने सजाये एक शहजादी ने आपके जीवन में प्रवेश किया है, बहुत से खुशियों की आशा लिये, उर्जा से भरपूर, जिंदगी में बहुत कुछ करने की तमन्ना लिये एक  शहजादे ने आपकी जिंदगी में प्रवेश किया है तो ऐसे में अगर आप दोनों को एक अटूट रिश्ता स्थापित करना है तो समय चाहिये । आप दोनों एक ऐसा रिश्ता कायम करने जा रहें जो जिंदगी भर कायम रहेगा और जिसका प्रभाव न केवल आप पर बल्कि आपकी आगे आने वाली संतानों पर  भी पङेगा तो ऐसे में समय कौन देगा बेशक आप दोनों को ही देना होगा ।  इसलिये पति को चाहिये कि वह अगर घर पर ही रहते हों तो पहले की तरह इधर उधर घूमना, दोस्तों का साथ पार्टिया उङाना आदि को कम करके घर पर रहना शुरू करें चाहें वह अपनी पत्नी को व्यक्तिगत समय दिन में न भी दे पायें लेकिन फिर भी केवल घर पर रहकर उसको दिखते रहना भी पत्नी को प्रसन्नता देता है । कुछ सोचते हैं कि घर पर माता पिता तो हैं ना फिर मेरी क्या आवश्यकता है । उनको मैं एक बात बता देना चाहता हूँ कि आप सात फेरे लेकर किसी के जीवन की अनमोल धरोहर को अपने घर लाये हो जिसके साथ मरने जीने की शपथें आपने पवित्र अग्नि देव की वेदी पर साथ खायीं है वह कोई नौकरानी नहीं है जो सिर्फ आपके माता पिता की सेवा के लिये घर पर पङी रहेंगी और आप अपनी जिंदगी को उससे अलग कर लोगे । पत्नी का मतलब पति के जीवन के प्रत्येक शारीरिक, मानसिक, भौतिक, अध्यात्मिक पहलू में बराबर की भागीदार होना है । आपकी पत्नी आपके लिये अपना पूरा संसार छोङकर आई है न कि आपके माता पिता के लिये क्योंकि माता पिता और उसके स्वयं के माता पिता भी एक समय के बाद संसार से विदा हो जायेंगे एक आप ही तो हैं जिसके साथ उसकी जीवन नैया पार लग सकेगी। यह कङवी सच्चाई है ।इसलिये अपनी पत्नी को समय दें । अगर आप  घर में उसे सिर्फ दिखाई भी देते रहते हैं तो उसे अच्छा लगता है और फिर जब वह अपनी सास से अथवा ननद से यह सुनती है कि पहले तो घर ठहरता ही नहीं था दोस्तों के साथ घूमता रहता था चलो ये तो अच्छा है कि अब घर तो रहता है कम से कम । इस बात को सुनकर आपकी पत्नी आपकी तरफ से केयरिंग फील करती है जो कि किसी भी रिश्ते की नींव होती है । अगर आप जाब करते हैं तो घर से बाहर रहना आपकी मजबूरी है उसे आपकी पत्नी भी समझती है । घर पर आने के बाद सोशल मीडिया को एक तरफ कर अपनी पत्नी को समय दें । पत्नी भी ऐसा ही करें । शुरू में एक दूसरे के साथ जितना समय बितायेंगे ये आपके रिश्ते की जङों में उतना ही खाद पानी के समान होगा ।पौधा जब वृक्ष बन जाता है तो उसे इतने खाद पानी की जरूरत नहीं होती जितनी कि वह पौधा रहता है उस समय होती है ।   रिश्तो में समय एक इन्वेस्टमेंट की तरह है जितना इन्वेस्ट करेंगे उतना ही लाभ आपको मिलेगा । समय देने से रिश्ता मजबूत बनता है । एक अच्छे रिश्ते की नींव के लिये एक अच्छा समय साथ बिताना अत्यावश्यक है ।

४. चुप कौन रहेगा :-                                                                           

क्रोध उस दावानल की भांति हैं जो मनुष्य के विवेक व बुद्वि को जलाकर भस्म कर देता है । बहुत से रिश्ते क्षणिक क्रोध से टूट जाते हैं । इतिहास में बहुत से बङे बङे युद्व सिर्फ क्रोध के कारण हुये हैं । क्रोध व्यक्ति के अहम् का सबसे बङा पोषक है।जिसमें जितना ज्यादा अहंकार होगा उसे उतना ही अधिक क्रोध आयेगा । आप अपनी शादी के बाद आपस में एक समझौता करें कि जब एक गरम होगा तो दूसरा नरम होगा और जब दूसरा गरम होगा तो पहला नरम होगा ।यानि कि एक को गुस्सा आये तो दूसरे को चुप रहना है और दूसरे को गुस्सा आये दो पहले को चुप रहना है । चुप रहना सीखें ।  बस सिर्फ इस एक समझौते से आपकी पूरी जिंदगी सुखपूर्वक व्यतीत हो सकती है । लेकिन अब आप मुझसे पूछना चाह रहें होंगे  कि दूसरा गरम तो फिर नरम होना ही तो सबसे मुश्किल काम है यही तो नहीं हो पाता तो इसके लिये मैं आपका बताना चाहूंगा कि -
i) जब आप दोनों में से कोई एक गुस्से में हो जाये तो आपको चाहिये कि उसकी गुस्से भरी बात को सुनकर जो पहली प्रतिक्रिया आपके मन में पहले आये उसे आप व्यक्त ना करें , आने वाली दूसरी प्रतिक्रिया को व्यक्त करें ।
ii) निश्चय कर लें कि जब भी गुस्सा आयेगा 10 तक गिनती गिननी है उसके बाद ही कुछ बोलना है ।
iii) जब भी आपको गुस्सा आये याद रखें कि कुछ भी कहने से पहले आपको पहले एक गिलास पानी पीना है और फिर कुछ कहना है । 
अगर आप अपने क्रोध को व्यवस्थित कर लेते हैं तो न सिर्फ वैवाहिक जीवन बल्कि आपका सामाजिक व आर्थिक जीवन भी संवर सकता है । ध्यान रखें मैंने क्रोध को बिल्कुल समाप्त करने के लिये नहीं कहा है ,कहीं कहीं थोङा गुस्सा भी जरूरी होता है । मैंने कहा है कि क्रोध को व्यवस्थित करना है अर्थात् नियंत्रित करना है मतलब  आपको गुस्सा कब आये ये आपके हाथ में हो किसी दूसरे के हाथ में नहीं । अपने गुस्से की चाबी अपने पास रखें दूसरे के हाथ में ना दें । आप ऐसा कर पाते हैं तो न केवल वैवाहिक जीवन में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में यह आपकी सबसे बङी जीत होगी ।

५. एक दूसरे का सच में सम्मान करें :-

            हमें तो सदा साथ ही रहना है फिर क्या  सम्मान माना कि आप पति पत्नी हैं जिंदगी भर साथ रहना है तो फिर क्या आप एक दूसरे का सम्मान करना ही भूल जाओगे किसी की सुनते ही नहीं बस अपने मन में समझदार बने घूमते हैं उसको क्या मालूम घर कैसे चलता है ? इस तरह के कमेंट न करें और न ही ऐसी सोच रखें क्योंकि दुनिया में कोई भी  Perfect नहीं है इसलिये आप खुद भी नहीं हो इसलिये आप फिर दूसरे के बारे में ऐसा कैसे सोच सकते हो ? एक दूसरे की कमियों को नजरअंदाज करें, एक दूसरे में सकारात्मक चीजों को खोजें व एक दूसरे का सम्मान करें । एक दूसरे के साथ रहते रहते एक दूसरे की बहुत सी कमियों का भी पता चल जाता है । कमी सभी में होती है । विद्वानों ने तो यहां तक कहा है कि अगर आप दूसरे में कोई कमी देख रहे हैं तो यह कमी उसमें में नहीं बल्कि आपमें में खुद में है अगर हालात इस तरह है कि आप खूब कोशिश करने पर भी  एक दूसरे का सम्मान नहीं कर पा रहे हैं तो नीचे लिखा प्रैक्टिकल करें - 
i)               अपने पति अथवा पत्नी की फोटो को अपने मोबाइल की लोक स्क्रीन पर लगा लें ।
ii)             अब अपनी पति अथवा पत्नी के वे पांच बातें लिखें जो आपको अच्छी लगती हो । ये कोई पांच बात वो भी हो सकती हैं जो कभी किसी अवसर पर आपके पति अथवा पत्नी ने कही हो और उस समय आपको अच्छी लगी हो उनको लिख लें । अगर आप एक भी बात नहीं खोज पा रहे हों तो यह आपके उस इंसान के संबंध में लगातार रहे निगेटिव परसेप्शन (नकारात्मक दृष्टिकोण) की वजह से है क्योंकि ईश्वर की बनाई इस पृथ्वी पर घास का कोई तिनका भी ऐसा नहीं है कि उसमें कम से कम पांच खूबी न हों हम तो फिर भी इंसान हैं ।


iii)            अब जब भी दिन में जितनी भी बार आप अपने मोबाइल को खोलें अपने पति अथवा पत्नी की फोटो को मोबाइल के स्क्रीन लाक पर देखकर मन ही मन इस तरह से बोलें -  पूनम तुम मुझे दिल से चाहती हो इसके लिये तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद । ऐसे ही उन पांच बातों के लिये धन्यवाद कहें । ऐसा कहते हुये सच में ही ह्रदय में कृतज्ञता को महसूस करें । रोज ऐसा करें । जादू हो जायेगा आपके संबंधों में । आप आश्चर्यचकित रह जाओगे कि आपके संबंधों में इतना आमूल चूल परिवर्तन कैसे आ रहा है । यह प्रयोग आप अपने सगे - संबंधियों व दोस्तों पर भी कर सकते हो यह हमेंशा कारगर है ।

            दोस्तों, जिस तरह आप एक स्वतंत्र आत्मा हैं उसी तरह आपकी पत्नी या पति भी खुद में एक स्वतंत्र आत्मा है, वह आपकी कोई जङ संपत्ति नहीं है, उस पर आपका कोई मालिकाना हक नहीं है और न ही इस बात का भरोसा है कि वह आपके साथ कब तक है क्योंकि प्रत्येक मनुष्य की मृत्यु का समय अनिश्चित है इसलिये उसका सम्मान करें । उसे सम्मानपूर्वक बुलायें । जहां उसकी बात सही हो वहां उसको पूरा सम्मान दें उसकी बात से सहमति जतायें और उसे महसूस करायें कि आप उन्हें महत्व देते हो या देती हो ।

                        जारी है ............विषय बहुत विशद् (विशाल) है, अतविभिन्न लेखों के माध्यम से हम सीखते रहेंगे कैसे और सुखमय बनें जीवन शादी के बाद .......................जुङे रहिये हमारे ब्लाग शादी के बाद”  से ....................आप सभी का ह्रदय से धन्यवाद .......................
  







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