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शादी के बाद होने वाले झगङे से कैसे बचें ?

शादी के बाद होने वाले झगङे से कैसे बचें  ?         नमस्कार दोस्तों मैं विजय कुमार यादव स्वागत करता हूँ आपका www.shaadikebaad.blogspot.com पर। किसी भी समस्या के समाधान के लिये आवश्यक है कि पहले समस्या के कारण जाने जायें। यूं तो शादी के बाद होने वाले झगङें के और भी अनेक कारण हो सकते हैं लेकिन मेरे दृष्टिकोण में २ मुख्य कारण हैं :-   1 . अहंकार का तुष्टीकरण ( Ego Satisfaction ):- दोस्तों क्या आपको पता है कि शादी के बाद 99% झगङों का कारण अहंकार तुष्टीकरण (ईगो सैटिस्फिकेशन) होता है ।  पति पत्नी दोनों प्रत्येक छोटी सी बात में अपने ईगो को सैटिस्फाई अर्थात अपने अहंकार (घमंड) को तुष्ट करना चाहते हैं और बस यही बात ना कुछ बातों को बहुत बङा बना देती है।   मैं बङा हूँ। मैं ही अधिक महत्वपूर्ण हूँ। वो मूर्ख है।आखिर मैं उसको बता दूंगा या बता दूंगी कि मैं कौन हूँ। मैं बहुत अच्छे परिवार से हूँ उसके सामने मेरे पति का परिवार कुछ भी नहीं। मेरे माता पिता के पास तो बहुत पैसे हैं। मन में आने वाले ये सब विचार अहंकारवश है और बात - ब...
यह करें और फिर देखें अपने संबंधों में जादू -     आप एक प्रयोग करके देखें किसी दो साल के बच्चे को कोई काम ठीक से ना करने पर उसे जोर से डांटे और फिर से उस काम को ठीक से करने को कहें, आपकी डांट से बच्चा संकुचित हो जायेगा और फिर से डांट न पङ जाये इस भय से उस काम को डरता हुआ सा करेगा और ऐसा करने पर संभावना होगी कि उसमें उससे फिर से गलती हो जाये ।     अब इसी बच्चे को कोई काम करने पर आप शाबाशी दे ं और उसके सर पर प्यार से हाथ फेरें। अब आपको बच्चे की बिल्कुल ही अलग प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी ।     बच्चा स्वंय ही उस काम को दुबारा करने के लिये आतुर रहेगा आपकी प्रशंसा और प्यार को पाने के लिये आपके ना कहने पर भी उसी काम को दुबारा आपके लिये करेगा वो भी प्रफुल्लित मन से, आप पाओगे कि  बच्चे ने वह काम और भी बेहतर तरीके से किया है ।                इससे क्या सिद्व होता है? इससे सिद्व होता है कि प्रशंसा पाने की ललक मनुष्य की नैसर्गिक आवश्यकता है । बङे होने पर भी हमें इसकी बेहद अावश्यकता होती है । आप इस नैसर्गिक गुण...

बौद्व धर्म के इन पांच नियमों से खिल उठेगा आपका वैवाहिक जीवन।

बौद्व धर्म के इन पांच नियमों से खिल उठेगा आपका वैवाहिक जीवन। वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिये बौद्व धर्म में पूरूषों और स्त्रियों के लिये ये पांच नियम बताये गये हैं - पूरूषों के लिये -                               १. अपनी पत्नी के का ह्रदय से सम्मान करो ।                        २. पत्नी के व्यक्तिगत मनोभावो के कारण क्रोधित मत हो । ३. अपनी पत्नी के सिवाय किसी दूसरी स्त्री से प्रेम न करो । ४. पत्नी के भोजन वस्त्र की सदा फिक्र रखो । ५. पत्नी को समय समय पर उपहार लाकर दो । स्त्रियों के लिये - १. पति घर में आने पर उठकर उनका स्वागत करो । २. इसी प्रकार उनके घर से बाहर जाने पर अभिनेंदन करो। पति के लौटने तक उनके लिये भोजन तैयार करके रखो तथा घर के दूसरे काम भी समाप्त कर लो । ३. किसी अन्य पुरूष से प्रेम न करो । पति क्रोध में हो तुम शांत हो जाओ । ४. पति की आज्ञाओं का पालन करो और...